सऊदी अरब से एक लाख ईद पर कमा कर लौटे घर तो भारतीय रुपये में कितनी होगी कीमत

नई दिल्ली: खाड़ी देशों में काम करने वाले भारतीय मुसलमानों की संख्या काफी अधिक है, और सऊदी अरब इसमें सबसे आगे है। इसकी सबसे बड़ी वजह वहां मिलने वाली अच्छी कमाई और रोजगार के व्यापक अवसर हैं।

रोजगार के लिहाज से सऊदी अरब भारतीय प्रवासियों के लिए एक प्रमुख गंतव्य बन चुका है। यहां स्वास्थ्य, निर्माण, व्यापार और तकनीकी क्षेत्रों में भारतीयों की एक बड़ी संख्या काम कर रही है। खासतौर पर भारतीय मुसलमानों के लिए यह देश एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, क्योंकि यहां रोजगार के साथ-साथ धार्मिक जुड़ाव भी एक बड़ा कारण है

धार्मिक महत्व भी एक बड़ी वजह
सऊदी अरब में मक्का और मदीना जैसे इस्लाम के पवित्र स्थल मौजूद हैं, जिसके कारण भारतीय मुसलमानों के लिए यह देश खास महत्व रखता है। कई लोग यहां काम करने और बसने की इच्छा रखते हैं, ताकि उन्हें धार्मिक रूप से भी संतुष्टि मिल सके।

भारत-सऊदी अरब संबंधों का प्रभाव
भारत और सऊदी अरब के बीच ऐतिहासिक व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंध रहे हैं, जिससे दोनों देशों के बीच लोगों का आवागमन सुगम हुआ है। भारतीय प्रवासी हर साल अरबों रुपये अपने देश भेजते हैं, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भी एक महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है।

सऊदी में भारतीय प्रवासियों की बढ़ती संख्या
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में भी सऊदी अरब भारतीय मुसलमानों के लिए रोजगार का प्रमुख केंद्र बना रहेगा। यहां की स्थिर अर्थव्यवस्था और बेहतर वेतन भारतीय कामगारों को आकर्षित करता है, जिससे उनकी संख्या लगातार बढ़ रही है।

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