
‘देश को एकजुट देखना चाहती हूं’
ममता बनर्जी ने अपने संबोधन में कहा, “मेरे मरने से पहले मैं देश को एकजुट देखना चाहती हूं। स्वामी विवेकानंद ने कहा था, एकजुटता शक्ति है और अलग हुए तो दुर्बल हो जाएंगे।” उन्होंने देश में बढ़ती राजनीतिक और वैचारिक ध्रुवीकरण पर चिंता जाहिर की।
‘मैं भेदभाव नहीं कर सकती’
सीएम ममता बनर्जी ने प्रशासनिक निष्पक्षता की बात करते हुए कहा, “जब मैं चेयर पर हूं, मैं किसी के साथ भेदभाव नहीं कर सकती।” उन्होंने बंगाल सरकार की कन्याश्री और लक्ष्मी भंडार जैसी योजनाओं का जिक्र करते हुए बताया कि उनकी सरकार महिलाओं और छात्राओं को आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है।